ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की रक्षा तैयारियों को बूस्ट, बजट में 50,000 करोड़ की बढ़ोतरी संभव

भारत की ओर से ऑपरेशन सिंदूर जैसे सटीक और रणनीतिक ऑपरेशन यह दिखाते हैं कि अब देश आतंकी हमलों का जवाब देने के लिए केवल सीमित प्रतिक्रिया नहीं देता, बल्कि तकनीकी और सामरिक रूप से अत्यधिक सक्षम बन चुका है।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की रक्षा तैयारियों को बूस्ट, बजट में 50,000 करोड़ की बढ़ोतरी संभव
बजट में 50,000 करोड़ की बढ़ोतरी संभव

नई दिल्ली: हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ किए गए सफल ऑपरेशन सिंदूर के बाद केंद्र सरकार देश की सुरक्षा तैयारियों को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठा सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय ने केंद्र सरकार से 50,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट मांगा है, ताकि सेना की ताकत को और बढ़ाया जा सके। यह प्रस्ताव नवंबर-दिसंबर में होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है।

अगर यह बजट बढ़ोतरी मंजूर हो जाती है, तो रक्षा मंत्रालय का कुल बजट 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा। फिलहाल वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्र सरकार ने रक्षा क्षेत्र को 6.81 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड बजट दिया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में करीब 9.5% ज्यादा है।

ऑपरेशन सिंदूर: एक नई रणनीतिक उपलब्धि

7 मई को भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले का जवाब देते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन की खास बात यह रही कि भारतीय सेना ने सीमा पार किए बिना पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इसके लिए भारत ने एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल किया, जिससे पाकिस्तान के मिसाइल और ड्रोन हमले भी नाकाम कर दिए गए।

भारतीय सेना ने इस मिशन में रूस की S-400 एयर डिफेंस सिस्टम, बराक-8 मीडियम रेंज SAM, स्वदेशी आकाशतीर, पिकोरा, OSA-AK, और लो लेवल एयर डिफेंस गन (LLAD) जैसे अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया। इन तकनीकों की वजह से पाकिस्तान की ओर से हुई जवाबी कार्रवाई बेअसर साबित हुई।

रक्षा बजट में बढ़ोतरी क्यों जरूरी?

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि मौजूदा माहौल में भारतीय सेना को नई तकनीक, अत्याधुनिक हथियार और आधुनिक गोला-बारूद की सख्त जरूरत है। इसके अलावा अनुसंधान एवं विकास (R&D), लॉजिस्टिक्स और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भी निवेश की आवश्यकता है। यह बजट बढ़ोतरी देश को आत्मनिर्भर रक्षा प्रणाली की ओर तेजी से बढ़ने में मदद करेगी।

भारत-पाकिस्तान: सैन्य ताकत का अंतर

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का सैन्य खर्च 2024 में 86.1 बिलियन डॉलर (₹7.19 लाख करोड़) रहा, जो पाकिस्तान के 10.2 बिलियन डॉलर (₹85,170 करोड़) की तुलना में करीब नौ गुना ज्यादा है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सैन्य खर्च करने वाले दुनिया के टॉप 5 देशों – अमेरिका, चीन, रूस और जर्मनी – में शामिल है।