छातापुर में ठप पड़ा विकास, बदहाल व्यवस्था के खिलाफ उठी जनआवाज़ : वीआईपी नेता संजीव मिश्रा
जनता की पीड़ा को मुखर करते हुए श्री मिश्रा ने कहा

छातापुर विधानसभा क्षेत्र में निरंतर हो रही उपेक्षा और विकास के अभाव के विरुद्ध जनता की भावना को स्वर देते हुए विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पनोरमा ग्रुप के प्रबंध निदेशक श्री संजीव मिश्रा ने रविवार को भीमपुर पंचायत के विभिन्न वार्डों का दौरा किया। उन्होंने जनसंपर्क सह जनसंवाद कार्यक्रम के माध्यम से आम नागरिकों से सीधे संवाद कर क्षेत्र की ज़मीनी हकीकत को समझा और मूलभूत सुविधाओं के अभाव को लेकर गंभीर चिंता जताई।
जनता की पीड़ा को मुखर करते हुए श्री मिश्रा ने कहा:
"छातापुर विधानसभा क्षेत्र में पिछले 15 वर्षों से विकास की गति पूरी तरह ठप है। न सड़क है, न पुल-पुलिया पूर्ण हैं, और न ही शिक्षा-स्वास्थ्य की बुनियादी सुविधाएं मौजूद हैं। जनता की समस्याओं से वर्तमान विधायक का कोई सरोकार नहीं है।"
शिक्षा व्यवस्था पर करारा प्रहार
श्री मिश्रा ने बताया कि आज के आधुनिक युग में भी छातापुर जैसे बड़े विधानसभा क्षेत्र में एक भी डिग्री महाविद्यालय का न होना अत्यंत शर्मनाक है। क्षेत्र के युवा उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं, जिससे पलायन की समस्या विकराल होती जा रही है।
स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर नाराज़गी
उन्होंने छातापुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का उदाहरण देते हुए कहा कि करोड़ों की लागत से निर्मित इस अस्पताल में न तो महिला चिकित्सकों की नियुक्ति हुई है और न ही ज़रूरी दवाइयाँ उपलब्ध हैं। सांप काटने जैसी आपातकालीन स्थिति में भी इलाज संभव नहीं है।
"छातापुर के अस्पताल भगवान भरोसे चल रहे हैं," उन्होंने कहा।
राजेश्वरी पश्चिम पंचायत के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि वहाँ मरीजों के लिए बुनियादी सुविधाएं तक मौजूद नहीं हैं।
भ्रष्टाचार और दलाली का बोलबाला
श्री मिश्रा ने कहा कि सभी सरकारी योजनाएं दलालों के कब्जे में हैं। आम आदमी को उसका हक बिना रिश्वत के नहीं मिल पाता। यह स्थिति लोकतंत्र और सुशासन के मूल्यों के खिलाफ है।
जनता को दिया आश्वासन
उन्होंने उपस्थित जनसमूह को विश्वास दिलाते हुए कहा:
"यदि छातापुर की जनता ने हमें सेवा का अवसर दिया, तो शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। हम राजनीति नहीं, विकास की लड़ाई लड़ने आए हैं।"
छातापुर बदलाव की राह पर
जनसंपर्क के दौरान जनता ने जिस प्रकार का उत्साह और समर्थन दिखाया, उससे यह स्पष्ट संकेत मिला कि छातापुर की धरती अब बदलाव की मांग कर रही है। हर वर्ग के लोग — युवा, महिलाएं, बुजुर्ग और किसान — सभी अब विकासोन्मुख नेतृत्व की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं।
प्रेस से अनुरोध:
यह संवाद केवल एक दौरा नहीं, बल्कि छातापुर के जनजीवन को समझने और उसके समाधान की दिशा में उठाया गया एक ठोस कदम है। मीडिया से अपील है कि वे इस आवाज़ को जन-जन तक पहुँचाएं।