मुख्य सचिव, बिहार सरकार श्री अमृत लाल मीणा ने इसके लिए वरिय पदाधिकारियों संग की गहन समीक्षा बैठक

13 जिलों में 11 जुलाई से 9 अगस्त तक होगा सावन मेले का आयोजन

मुख्य सचिव, बिहार सरकार श्री अमृत लाल मीणा ने इसके लिए वरिय पदाधिकारियों संग की गहन समीक्षा बैठक

NBL

PATNA SE MUKESH KUMAR

सावन मेले में कावड़ियों की सुरक्षा और समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए मुख्य सचिव, बिहार सरकार श्री  अमृत लाल मीणा ने जिला प्रशासन को अलर्ट मोड पर काम करने का निर्देश दिया है। शुक्रवार को पुराना सचिवालय के सभाकक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने बीते साल जहानाबाद के बराबर पहाड़ी पर हुई भगदड़ हादसे के बाद सामने आई कमियों से सबक लेते हुए सशक्त रणनीति तैयार करने को कहा। इस बैठक में पुलिस महानिदेशक विनय कुमार, अपर मुख्य सचिव, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग श्री दीपक कुमार सिंह एवं अन्य वरीय पदाधिकारीगण मौजूद रहें। बैठक में 13 जिलों के डीएम, एसपी और संबंधित विभागों के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल थे।

श्री अमृत लाल मीणा ने कहा कि 11 जुलाई से शुरू होने वाले सावन महीने में भगालपुर, बांका, मुंगेर, जमुई, जहानाबाद, लखीसराय, बेगूसराय, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, वैशाली, सारण, पूर्णिया और मधुबनी में श्रावणी मेला आयोजित होता है। इस बार यह मेला 9 अगस्त तक होना है । मेले में भीड़ प्रबंधन के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात करने के अलावा सभी नदी घाटों पर उचित संख्या में गोताखोरों की व्यवस्था, मेले में बिकने वाले सभी तरह के खाद्य पदार्थों की जांच के लिए फूड इंस्पेक्टर की तैनाती के अलावा मंदिर न्यास परिषद के साथ समन्वय स्थापित कर काम करने का निर्देश दिया गया ।

मुख्य सचिव ने पुलिस को मोबाइल फोन की जगह वायरलेस सेट का इस्तेमाल करने पर जोर दिया ताकि आपातकालीन

स्तिथि में समन्वय बनाने में आसनी हो। उन्होंने पुलिस को निर्देश दिया कि सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाकर पॉकेटमारों पर नजर रखी जाए और बसों की छत पर यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जाए। इसके अलावा पेयजल, शौचालय, स्नानघर, साफ-सफाई, सड़कों की मरम्मत, चिकित्सा सुविधा, निर्बाध बिजली आपूर्ति, हाईमास्ट लाईट और कावड़ियों के ठहरने की समुचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने वरीय अधिकारियों को निदेश दिया कि रविवार और सोमवार को शिवालयों और प्रमुख मंदिरों में भीड़ नियंत्रण और ट्रैफिक संभालने के लिए स्वयं मौजूद रहें। इसके साथ ही श्रद्धालुओं के लिए मंदिरों में प्रवेश और निकास द्वार अलग करने को कहा। उन्होंने कहा कि मेला परिसर, आवागमन के रास्ते, नदी मार्ग से गुजरने वाले रास्ते और स्नान क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था के सभी उपाय किए जाए। अग्निशमन, मोटरबोट, पदाधिकारियों के लिए वाहन की पर्याप्त व्यवस्था और आवश्यक स्थलों पर एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीम की प्रतिनियुक्ति की जाए। शराब और नशीले पदार्थों की रोकथाम के लिए व्यापक व्यवस्था, महिलाओं के लिए चेंजींग रूम, मेला परिसर और कावड़ियां पथ में टेंट सिटी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। 

मुख्य सचिव ने मेला शुरू होने से पहले सभी तैयारियां को पूरा कर लेने को कहा है ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो।