अपने उद्योगपति मित्रों को लाभ पहुंचाने की मंशा से मोदी सरकार ने बंद किया 2 हजार का नोट - उमेश सिंह कुशवाहा

अपने उद्योगपति मित्रों को लाभ पहुंचाने की मंशा से मोदी सरकार ने बंद किया 2 हजार का नोट - उमेश सिंह कुशवाहा
अपने उद्योगपति मित्रों को लाभ पहुंचाने की मंशा से मोदी सरकार ने बंद किया 2 हजार का नोट - उमेश सिंह कुशवाहा

 NBL PATNA   : जद(यू.) के प्रदेश अध्यक्ष  उमेश सिंह कुशवाहा ने केंद्र सरकार द्वारा दो हजार रुपए के नोटबन्दी की कड़ी आलोचना करते हुए कहा की मोदी सरकार ने पुनः नोटबंदी लागू कर यह स्पष्ट दर्शा दिया गया है की भाजपा जनता से जुड़े बुनियादी मुद्दों पर ध्यान देने के बजाए सिर्फ अपने उद्योगपति मित्रों को गैरकानूनी तरीके से आर्थिक लाभ पहुंचाने का प्रयास कर रही है। एक खास वर्ग को फायदा देने के लिए केन्द्र सरकार देश की जनमानस के हितों को सूली पर लटकाने के लिए आतुर है। इन्हें देश की गरीब और मजदूर जनता से दूर-दूर तक कोई सरोकार नहीं है। देश का हर वर्ग आज केंद्र सरकार के गलत नीतियों से त्रस्त है। गरीब, मजदूर, किसान, नौवजवान और व्यापारी समुदाय अपनी आर्थिक तंगी का रोना रो रहा है। परन्तु मोदी सरकार अपने कानों में रुई भरकर अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने में मग्न है
      आगे उन्होंने कहा कि पिछली बार जब वर्ष 2016 में नोटबन्दी लागू किया गया था तब भाजपा वालों ने काले धन का पुरजोर इस्तेमाल कर देशभर के सभी जिलों में अपना आलीशान पार्टी कार्यालय बनवाने का काम किया परन्तु जिन वादों के साथ नोट बन्दी लागू हुआ था उनमे से एक भी वादा आज तक चरितार्थ होते नहीं दिखा। इसके विपरीत मोदी सरकार द्वारा नोटबन्दी का तुगलकी फरमान आम जनता के लिए मुसीबत बन गया। आप सभी को स्मरण होगा कि नोटबन्दी के फैसले के बाद देश की जनता में हाहाकार मचा हुआ था। कई बेटियों की ब्याह रुक गई थी, पैसे के बगैर बीमार लोगो को जान गंवानी पड़ी, देश का गरीब-मजदूर वर्ग भुखमरी के कगार पर पहुंच चुका था परन्तु यह दुर्भाग्य और हैरानी का विषय है की पिछली बार से सीख न लेते हुए पुनः एक बार फिर मोदी सरकार ने 2000 का नोट बन्द करने का निर्णय लिया है। देश की जनता के साथ यह घोर ज्यादती है।
        प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि कर्नाटक के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री सिद्दारमैया जी के शपथ ग्रहण समारोह में देशभर के विपक्षी पार्टियों की एकजुटता भाजपा के लिए एक खतरे की घण्टी है। जिस प्रकार सभी दलों ने कर्नाटक में अपनी ताकत दिखाई है उससे भाजपा खेमे में हताशा फैल चूका है। भाजपा पूरी तरह से भयभीत और बौखलाई हुई है, 2024 में सत्ता जाने की घबराहट में नागपुर से लेकर दिल्ली तक भाजपाइयों और संघीयों की नींद हराम है। धार्मिक मुद्दों के सहारे भाजपा कर्नाटक में चुनावी फायदा लेना चाहती थी परन्तु वहां की समझदार जनता ने भाजपा को हैसियत बताने का काम किया है। 2024 लोकसभा में इसी तरह का परिणाम देशभर में आएगा।

        प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि तानाशाही ताकतों से देश को बचाने के लिए सभी विपक्षी दल एकजुट होकर 2024 लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं।  मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार जी के पहल से आज देशभर के गैर-भाजपाई नेता एक मंच पर नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री जी के सार्थक प्रयास के बदौलत देश में विपक्षी राजनीति के अनुकूल एक सकारात्मक माहौल बना है। हम सभी इस बात से परिचित हैं कि वर्तमान समय में हमारा देश नाजुक मोड़ पर खड़ा है, देश के सविंधान और लोकतांत्रिक बुनियाद को लगातार भाजपा सरकार द्वारा कमजोर किया जा रहा है। आज इसको बचाने की जिम्मेदारी हम सभी के कंधो पर है। सभी दलों ने साथ मिलकर देश से भाजपा का सफाया करने का प्रण लिया है।